शहतूत का पेड़ (Mulberry Tree) के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी
परिचय:
शहतूत (Mulberry) एक फलदार पेड़ है जो मुख्यतः भारत, चीन और मध्य पूर्व के क्षेत्रों में पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Morus है। शहतूत के फल मीठे और रसदार होते हैं और यह पोषण और औषधीय गुणों से भरपूर होता है। शहतूत का पेड़ रेशमी कीड़ों के लिए मुख्य भोजन भी है, इसलिए इसे रेशमी उद्योग में महत्वपूर्ण माना जाता है।
मुख्य विशेषताएँ:
वैज्ञानिक नाम: Morus
परिवार: Moraceae
प्रकार: मध्यम आकार का फलदार पेड़
ऊँचाई: 5 से 15 मीटर तक
पत्तियाँ: बड़े, हरे, मोटे और अंडाकार
फल: छोटे, लंबे आकार के, रंग में सफेद, लाल, या काले (काला शहतूत सबसे अधिक लोकप्रिय)
फल का मौसम: गर्मी के अंत से शरद ऋतु तक
फल का पोषण मूल्य:
- शहतूत में विटामिन C, विटामिन K, आयरन, कैल्शियम और पोटैशियम होते हैं।
- इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को रोगों से बचाते हैं।
- शहतूत का सेवन पाचन सुधारता है और हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
औषधीय उपयोग:
रक्त शर्करा नियंत्रण: शहतूत के पत्ते डायबिटीज़ रोगियों के लिए फायदेमंद होते हैं।
कोलेस्ट्रॉल कम करना: यह रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
त्वचा रोगों में: इसके रस से त्वचा की सूजन और खुजली में राहत मिलती है।
पाचन में सहायता: कब्ज़ और अपच में फायदेमंद।
उगाने का तरीका:
मिट्टी: उपजाऊ, दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है।
जलवायु: गर्म और समशीतोष्ण जलवायु में बढ़िया उगता है।
पानी: नियमित पानी देना चाहिए, परन्तु जलभराव से बचाएं।
प्रजनन: कटी हुई टहनी या बीज से उगाया जाता है।
रेशम कीट और शहतूत:
शहतूत के पत्ते रेशम कीड़ों का भोजन होते हैं, जिनसे रेशमी रेशे प्राप्त होते हैं। इसलिए शहतूत पेड़ का रेशमी उद्योग में विशेष महत्व है।
पर्यावरणीय महत्व:
- यह पेड़ पर्यावरण को शुद्ध करता है।
- इसकी छाया गर्मी में ठंडक प्रदान करती है।
- मधुमक्खियों और पक्षियों को आकर्षित करता है।
निष्कर्ष:
शहतूत का पेड़ फल, औषधि और रेशमी कीट पालन के लिए बहुत उपयोगी है। इसके फल और पत्ते दोनों ही स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। इसे खेती और घरेलू बागवानी में लगाना चाहिए
प्रस्तुतकर्ता : उच्च प्राथमिक विद्यालय निलोई जसवन्तनगर इटावा